Tuesday, April 14, 2020

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लॉकडाउन में गरीब और मजदूरों के सामने खाने के लाले पढ़ रहे हैं। देश के कई हिस्सों में इस तरह की खबरें हैं। ऐसा ही एक मामला उत्तरी दिल्ली से मंगलवार को सामने आया। यहां उत्तराखंड का एक परिवार (गोपाल और महक) मजदूरी कर अपना गुजर-बसर करता था। लॉकडाउन के कारण मजदूरी नहीं मिलना रुक गया। इससे पैसा मिलना बंद हो गया।

8 दिन पहले परिवार में बेटी का जन्म हुआ, लेकिन पति मां और बच्चे को अस्पताल तक नहीं ले जा पाया। रुपए थे नहीं। राशन भी लगभग खत्म था। ऐसे में लोगों द्वारा जो मदद मिलती मां दो दिन में उसे ही एक बार खाकर गुजारा कर रही थी। हालांकि अब आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडे ने परिवार के लिए जरूरी मदद भेज दी है।

दिल्ली आने का फैसला ही गलत था
पति गोपाल ने बताया, ‘‘वह उत्तराखंड से यहां मजदूरी के लिए आया था। यही उसका सबसे गलत फैसला था। जब लॉकडाउन हुआ कई राज्यों के लोग अपने-अपने राज्यों की चले गए। कुछ को प्रशासन की ओर से उपलब्ध बसें मिल गईं। कुछ पैदल ही निकल गए। इस बीच केंद्र और राज्य सरकार ने लोगों को मुफ्त राशन का भरोसा दिलाया। हमारे पास भी वादे पर भरोसा करने के अलावा और कोई उपाय न था। महक की गर्भास्था का आखिरी समय होने से हमने ने दिल्ली में रुकने का फैसला किया था। हम कई दिनों से थोड़ा सा खाकर और पानी पीकर ही जिंदा थे।’’

भूख लगती तो पानी पीती थी
22 साल की महक ने बताया, ‘‘हमारे पास खाने को कुछ नहीं था। बच्चे के लिए दूध का इंतजाम भी नहीं। हम सिर्फ थोड़े से चावल के भरोसे जी रहे थे। जब भूख लगती तो पानी पी लेती थी। जब असहनीय हो जाती तब दो दिन में एक बार चावल खाती। कुछ लोग खाना दे जाते, तो उसी से दिन काट रहे थे। हमारे पास उत्तराखंड का राशन कार्ड था। दिल्ली में इस पर कोई सहायता नहीं मिल रही थी। सरकार ने मुफ्त राशन देने का सिर्फ वादा किया था। हम जैसे दूसरे राज्यों के लोगों के लिए यह नहीं मिल रहा था।

हमें बताएं ताकि लोगों तक मदद पहुंचे
विधायक दिल्ली पांडे ने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कहने पर सरकार ने कई इलाकों में लोगों के लिए खाने का सामान मुहैया कराया है। जरूरतमंदों के लिए काम किया जा रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि शिक्षित लोग ऐसी परिस्थितियों में आगे आएंगे और लोगों की मदद करेंगे। हम यह भी आशा करते हैं कि यदि अन्य ऐसे इलाके हैं, जहां लोगों तक मदद नहीं पहुंची तो हमें जानकारी दें ताकि वहां समस्या का समाधान किया जा सके।

3 मई तक के लिए बढ़ा लाॅकडाउन
कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकनेे के लिए केंद्र सरकार ने 23 मार्च को जनता कर्फ्यू और इसके बाद 31 दिनों को लॉकडाउन लागू कर दिया। 14 अप्रैल को संक्रमण पर काबू पाते देख इसे 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया है। ऐसे में कई राज्यों में पिछले 21 दिनों से फंसे दिहाड़ी मजदूरों के सामने भूखों मरने की नौबत आ गई है। मंगलवार को मुंबई और सूरत में लोग सड़क पर आ गए थे। हालांकि प्रशासन ने उनके लिए राहत देने की बात कही है।



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महक और गाेपाल उत्तराखंड के रहने वाले हैं। वे दिल्ली में मजदूरी कर गुजर-बसर करते हैं। लाॅकडाउन के कारण उन्हें कई तरह की परेशानियां उठानी पड़ी।


from Dainik Bhaskar /national/news/the-newborn-of-8-days-in-the-lap-the-mother-got-to-eat-only-rice-once-every-two-days-mla-helped-the-family-127175168.html
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