Monday, January 20, 2020

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सैन फ्रांसिस्को. अल्फाबेट और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से कई समस्याओं का समाधान संभव है, लेकिन इससे सतर्क भी रहना होगा। उन्होंने ‘द फाइनेंशियल टाइम्स’ के संपादकीय में लिखा कि हमारी जैसी कई कंपनियां नई तकनीक को सिर्फ बढ़ावा नहीं दे सकतीं। वे यह भी तय करेंगी कि बाजार की ताकतें इसे कैसे इस्तेमाल करती हैं। हमें इसके नफा-नुकसान के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है। माइक्रोसॉफ्ट के प्रेसिंडेट ब्रैड स्मिथ और टेस्ला के सीईओ एलन मस्क भी यह चिंता जता चुके हैं।

पिचाई ने कहा,‘‘सवाल यह उठता है कि एआई को किस तरह अपनाया जाए।जिंदगी में इसे शामिल करते हुएउन मुद्दों को लेकर सतर्क रहना होगा, जिसे नजरअंदाज किया जा सकता है।हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यह तकनीक सभी के लिए उपलब्ध हो सके।’’पिचाई ने पिछले महीने ही गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ का पदभार ग्रहण किया था। उन्होंनेकंपनी के सह-संस्थापक लैरी पेज की जगह ली थी।

‘एआई के संभावित नफा-नुकसान के बीच संतुलन बनाने की जरूरत’

पिचाई ने कहा कि एआई के लिए हमें एक अलग दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। इसके लिए गूगल विशेषज्ञता, अनुभव और उपकरणों में निवेश करेगा। हमें इसे लेकर सतर्क रहना होगा कि क्या गलत हो सकता है। तकनीक को अपनाते हुए हमें इसके संभावित नुकसान और फायदे के बीच संतुलन बनाने की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए, सेल्फ ड्राइविंग के लिए हमें एक उपयुक्त नियम बनाने की जरूरत है, जबकि हेल्थकेयर के क्षेत्र में हमें एक फ्रेमवर्क तैयार करने की आवश्यकता है।



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पिचाई ने पिछले महीने ही गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ का पदभार ग्रहण किया था।


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