Monday, January 13, 2020

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नई दिल्ली. केरल सरकार नए नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। सरकार का कहना है कि यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14,21 और 25 का उल्लंघन है। यह कानून धर्मनिरपेक्षता जैसे मूल सिद्धांत के खिलाफ है। इससे पहले, केरल ऐसा पहला राज्य था जो नागरिकता कानून को खत्म करने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया था। उसने 31 दिसंबर को इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया था।हालांकि इस कानून के खिलाफ पहले से ही 60 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी है।

केरल सरकार ने पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) संशोधन नियम 2015 और विदेशी (संशोधन) आदेश 2015 की वैधता को भी चुनौती दी है। इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से गैर-मुस्लिम प्रवासियों के रहने को नियमित करता है जो 2015 से पहले भारत में शरणार्थी की तरह रह रहे थे।

उत्तर प्रदेश ने केंद्र को 40 हजार शरणार्थियों की सूची भेजी

उत्तर प्रदेश ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान औरबांग्लादेश से आए अल्पसंख्यक प्रवासियोंकी जानकारी गृह मंत्रालय को भेजीहै। ऐसा करने वाला वह देश का पहला राज्य बन गया है।देश में सीएएलागू होने के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में रह रहे गैर मुस्लिमशरणार्थियों की सूची बनाना शुरू कर दी थी। अब तक प्रदेश के 19 जिलों में रहने वाले40 हजार अवैध प्रवासियों की जानकारी जुटाई जा चुकी है।



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केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन।- फाइल फोटो


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