
बगदाद. उत्तरी बगदाद में स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर रविवार को 4 रॉकेट से हमला किया गया।सेना के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि अल-बलाद एयरबेस परहमले में 4 इराकी वायु सैनिक घायल हुए हैं। इस एयरबेस पर अमेरिकी सैनिकों का ठिकाना है, लेकिन वे ईरान और अमेरिका के बीच चल रहे तनाव को देखते हुए पहले ही इस एयरबेस से जा चुके थे। अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर यह 6 दिन में तीसरा हमला है।
इस हमले के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि वे काफी गुस्से में हैं। उन्होंने ट्वीट में लिखा, “इराक सरकार के दुश्मनालगातारउसकी स्वायत्ता का उल्लंघन कर रहे हैं, यह अब बंद होना चाहिए।
9 जनवरी को ग्रीन जोन में मिसाइलें दागी गईं
बगदाद के अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र, जहां कई विदेशी दूतावास हैं.. वहां गुरुवार को मिसाइलें दागी गईं। यहां दो बड़े धमाके हुए थे। अमेरिकी अधिकारियों ने इसके पीछे इराक में स्थित ईरान समर्थित शिया विद्रोही संगठन- ‘हाशेद’ पर शक जताया था।
ईरान ने 80 अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने का दावा किया था
ईरान ने 7जनवरी को इराक में स्थित दो अमेरिकी सैन्य बेसों पर 22 मिसाइलें दागी थीं। ईरान ने दावा किया था कि अनबर प्रांत में ऐन अल-असद एयर बेस और इरबिल के एक ग्रीन जोन पर हमले में अमेरिका के 80 सैनिक मारे गए। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इस दावे को झूठा करार दिया।
कासिम सुलेमानी का बदला लेने के लिए ईरान कर रहा हमले
अमेरिका ने 3 जनवरी को ईरान की कुद्स सेना के जनरल कासिम सुलेमानी को मार गिराया था। इसके बाद ईरान ने अमेरिका को बदला लेने की धमकी दी थी। डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि ईरानी कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी अमेरिका के चार दूतावासों को निशाना बनाने वाले थे। उन्होंने कहा था कि शायद सुलेमानी बगदाद स्थित दूतावास पर भी हमले की साजिश रच रहा था। राष्ट्र के नाम संबोधन में ट्रम्प ने कहा था कि सुलेमानी को काफी पहले ही मार देना चाहिए था। लेकिन, अमेरिका ने सबसे बड़े आतंकी को मार गिराया है।
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