
नई दिल्ली. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वित्त वर्ष 2019-20 में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.8% रहने का अनुमान जताया है। इस पर पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि अब आईएमएफ और गीता गोपीनाथ को मोदी सरकार के हमले झेलने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। चिदंबरम ने यह भी कहा, ‘‘आईएमएफ को 4.8% ग्रोथ रेट देने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। मुझे कोई आश्चर्य नहीं होगा, अगर ग्रोथ रेट इससे नीचे रहे।’’
हालांकि गीता गोपीनाथ ने यह भी कहा था कि कॉर्पोरेट टैक्स दर में कटौती के चलते अगले साल भारत की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक असर दिख सकता है।
चिदंबरम ने ट्वीट किए
मैंने ट्वीट किया है अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से रियलिटी चेक। 2019-20 में वृद्धि 5% से कम 4.8% होगी।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 21, 2020
यहां तक कि 4.8% भी कुछ विंडो ड्रेसिंग के बाद है।
अगर यह और भी कम हो जाए तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ नोटबंदी की सबसे पहले निंदा करने वालों में से एक थी।
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 21, 2020
मुझे लगता है कि हमें आईएमएफ और डॉ. गीता गोपीनाथ पर सरकार के मंत्रियों के हमले के लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए।
9 एजेंसियों ने ग्रोथ रेट कम बताई

आईएमएफ ने सोमवार को चालू वित्त वर्ष (2019-20) में भारत की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 1.3% घटाकर 4.8% कर दिया है। अक्टूबर में 6.1% का अनुमान जारी किया था। आईएमएफ लगातार 9वीं एजेंसी है जिसने जीडीपी ग्रोथ का अनुमान कम किया है। एसबीआई और फिच के 4.6% के अनुमान के बाद आईएमएफ का अनुमान सबसे कम है। उसने नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल सेक्टर के आर्थिक संकट और ग्रामीण आय में सुस्ती जैसी वजहों से अनुमान कम किया है। भारत की ग्रोथ के अनुमान में इतनी कमी होने से दुनिया की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान भी प्रभावित हुआ है। आईएमएफ ने 2019 में ग्लोबल ग्रोथ का अनुमान 3% से घटाकर 2.9% कर दिया है।
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