
बुधवार, 8 अप्रैल को चैत्र मास की पूर्णिमा और हनुमान जयंती है। त्रेतायुग में चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि परमंगलवार की सुबह हनुमानजी का जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम केसरी और माता का नाम अंजनी था। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार उस समय मंगल अपनी उच्च राशि मकर में था। 2020 में भी यही योग बना है। बुधवार सुबह सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। इस योग में की गई पूजा-पाठ जल्दी सफल हो सकती है।
17 साल बाद बना है ये योग
मंगल के उच्च राशि में रहते हुए हनुमान जयंती का योग 17 वर्ष बाद बना है। इससे पहले 16 अप्रैल 2003 को उच्च के मंगल के साथ हनुमान जन्मोत्सव मनाया गया था। पिछले साल हनुमान जयंती पर गुरु और शनि की युति धनु राशि में थी, लेकिन इस साल मकर राशि में गुरु, शनि के साथ ही मंगल भी स्थित है।
28 साल बाद मकर राशि में शनि और हनुमान जयंती
शनि इस समय मकर राशि में स्थित है। 28 वर्ष पहले 17 अप्रैल 1992 को भी मकर राशि में शनि के रहते हुएहनुमान जयंती मनाई गई थी। पं. शर्मा के मुताबिक मंगल एवं शनि दोनों ही क्रूर ग्रह माने जाते हैं। इन दोनों ग्रहों के दोष हनुमानजी की पूजा से दूर हो सकते हैं। इसीलिए इन ग्रहों के योग में हनुमान जयंती बहुत ही शुभ फल देने वाली है।
854 साल बाद मकर राशि में मंगल, गुरु और शनि की युति
इस साल एक और दुर्लभ योग बना हुआ है। इस समय मंगल, गुरु और शनि ये तीनों ग्रह एक साथ मकर राशि में स्थित है। 2020 से 854 साल पहले ये तीनों ग्रहों एक साथ मकर राशि में स्थित थे। 24 अप्रैल 1166 में ऐसा योग बना था।
हनुमान जयंती करें ये शुभ काम
हनुमानजी के जन्मोत्सव पर घर में ही पूजन करें। इस समय कोरोनावायरस की वजह से सभी मंदिर बंद है। ऐसी स्थिति में घर में हनुमानजी की पूजा करें। दीपक जलाकर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें।
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