Monday, April 6, 2020

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बिहार में अब तक कोरोनावायरस के 32 मरीजों की पुष्टि हुई है। इनमें सेएक की मौत हो चुकी है, जबकि 9 लोग पूरी तरह स्वस्थ हो गए और उन्हें घर भेज दिया गया। हालांकि, एहतियात के तौर पर इन्हें 14 दिन घर में आइसोलेट रहना होगा। सोमवार को 2 मरीजों ने घर लौटते हुए भास्कर से अपने अनुभव साझा किए।

शरीर से ज्यादा दिमाग पर असर डालता है कोरोना
कोरोना को मात दे चुके सीवान के युवक ने बताया- "मैं 8 दिनतक पटना के एनएमसीएच में भर्ती रहा। एक बार भी नहीं लगा कि बीमार हूं। कोरोना शरीर पर जितना असर नहीं, डालता उससे ज्यादा यह दिमाग पर असर डालता है। 9 दिन काफी तनावभरे रहे। मुझे न बुखार हुआ था और न खांसी। अस्पताल में व्यवस्थाएं अच्छी थी। खाने-पीने में कोई दिक्कत नहीं हुई। डॉक्टर की हर बात मानी और हौसला बनाए रखा।"

...डॉक्टर एंबुलेंस लेकर आए और कहा आप चलिए
"22 मार्च को शारजाह से दिल्ली लौटा। वहां स्क्रीनिंग हुई लेकिन कोरोना के लक्षण नहीं मिले। घर पहुंचने पर 14 दिन क्वारैंटाइन रहने का आदेश दिया गया। लॉकडाउन की वजह से पटना के लिए ट्रेन नहीं मिला और फ्लाइट की भी सारी टिकटें बुक थीं। ऐसे में टैक्सी बुक करके 24 मार्च को दिल्ली से सीवान पहुंचा। 29 मार्च को अचानक एक एंबुलेंस से डॉक्टर और कुछ लोग घर पर आए। उन्होंने कहा कि आपको चलना होगा। परिवार वालों को कुछ नहीं बताया, लेकिन उन्हें भी 14 दिनों तक क्वारैंटाइन कर दिया। 31 मार्च को जब पहली रिपोर्ट पॉजिटिव आई तब समझ में नहीं आया कि मुझे यह बीमारी कैसे हो गई। इसके बाद भी घबराया नहीं।4 अप्रैल को जब दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई तब विश्वास हो गया था अब आसानी से जंग जीत लेंगे।"

पिता ने कहा- 3 दिन तक घर में खाना नहीं बना
युवक के पिता ने कहा कि जब बेटे को अस्पताल वाले लेकर गए तब पूरा परिवार टेंशन में था। 3 दिन तक घर में खाना नहीं बना। जब बेटे की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई तब हमने राहत की सांस ली। हम लोग भगवान से प्रार्थना कर रहे थे औरयह सफल हो गई।

डॉक्टर्स की सभी बात मानीं, जिससे स्वस्थ हुआ

कोरोना से ठीक हुए दूसरे युवक ने बताया- "मैं 22 मार्च को कतर से लौटा था और मेरी तबीयत बिल्कुल ठीक थी। रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि मैं भी इस बीमारी के चपेट में आ गया हूं। हिम्मत रखीऔर 7 दिनों में रिपोर्ट निगेटिव आ गई। मैं खुद को समझाता रहा और हौसला बरकरार रखा। डॉक्टर की सभी बातें मानी और अब स्वस्थ होकर घर जा रहा हूं।



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The young man said - I did not think that I am sick, the father said - was so upset that three days there was no cooking in the house.
तीसरी और अंतिम रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद चारों मरीजों को एनएमसीएच अस्पताल से छुट्टी मिल गई।


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